मेरी ज़िन्दगी मैं अब कोई आएगा ये मैं नहीं जानता
मेरी ज़िन्दगी मैं अब कोई आएगा ये मैं नहीं जानता


अब किसी और को पाने की हसरत नहीं वादे करके भूल जाना मेरी फितरत नहीं;

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मेरी ज़िन्दगी मैं अब कोई आएगा ये मैं नहीं जानता, प्यार करके ख़ुशी दे जायेगा ये मैं नहीं जानता;
अक्सर जो तन्हाई का आलम भड़ता गया, कभी कोई रोशन करेगा ये मैं नहीं जानता;
कांटो की चुभन से कदम झख्मी हुए है, कभी आके मरहम लगाएगा ये मैं नहीं जानता;
टूट के बिखरे है कोई समेट ने वाला नहीं, संभल पाउँगा कभी ये मैं नहीं जानता;
शायद वो किसी और का नसीब बन चूका है जीत, मेरे नाम की मेहँदी लगाएगा ये मैं नहीं जानता;